Traffic Police: गाडी में तेल भरवाते समय की ये गलती तो भरना पड़ सकता है हजारों का हर्जाना, जानिए पूरी जानकारी इस खबर में

 
Traffic Police: गाडी में तेल भरवाते समय की ये गलती तो भरना पड़ सकता है हजारों का हर्जाना, जानिए पूरी जानकारी इस खबर में

Traffic Police:  इधर आप अपनी गाड़ी में 500 रुपये का तेल डलवा रहे हों और उधर कैमरे की मेहरबानी से 10 हजार रुपये तक का चालान कट जाए, शायद ही ऐसा किसने सोचा होगा। लेकिन दिल्ली सरकार के परिवाहन विभाग की अनूठी पहल से पिछले एक महीने में ऐसा हुआ है। दरअसल सीसीटीवी कैमरे की मदद से प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर नकेल कसने का प्रयास किया गया।
परिवहन विभाग ने राजधानी दिल्ली के चार पेट्रोल पंप से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। लोग अपनी गाड़ी में तेल डलवाते तबतक कैमरा उनके नंबर प्लेट का फोटो खींच लेता। नंबर प्लेट के फोटो आने के साथ ही गाड़ी की कुंडली भी खुल जाती और पता चल जाता कि गाड़ी का पीयूसी यानी पॉल्यूशन अंडर चेक सर्टिफिकेट है भी या नहीं। ये पायलट प्रोजेक्ट छोटे स्तर पर शुरू किया गया ताकि ज्यादा अच्छे तरीके से इसके कारगर होने का पता चल सके।  

पेट्रोल भरवाते-भरवाते कटे गाड़ियों के चालान
आजतक ने जब इसकी जानकारी चाही कि दिल्ली के कौन-कौन से इलाके ऐसे हैं जहां ये कैमरे वाला चालान वसूला जा रहा है। लेकिन परिवहन विभाग ने ये जानकारी देने से ये कहते हुए मना कर दिया कि ऐसा करने से लोग ऐसे पेट्रोल पंप का रुख ही नहीं करेंगे और नुकसान पेट्रोल पंप के मालिकों का हो जाएगा। दरअसल इस पूरी स्कीम में ट्रांसपोर्ट विभाग को बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं हो रहा है। कैमरा तो पेट्रोल पंप पर लगा ही होता है, जिसके जरिए नंबर प्लेट की तस्वीर साफ साफ आ जाती है। 
उस तस्वीर को पेट्रोल पंप के सर्वर के अलावा दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अतिरिक्त सीपीयू में रूट कर दिया जाता है। बाकी काम कंप्यूटर अपने आप कर लेता है यानी किसी कर्मचारी को भी लगाने की जरुरत नहीं पड़ती। सरकार का ये भी कहना है कि पेट्रोल पंप की पहचान इसलिए भी गोपनीय रखी जा रही ताकि लोगों को इस बात के लिए सजग किया जा सके कि उनका चालान किसी अनजान पेट्रोल पंप पर कट सकता है।

बगैर पीयूसी के पहुंचे तो ऑटोमैटिक चालान कटेंगे 
परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो देश भर में ऐसा प्रयोग करने वाला दिल्ली ही है। नतीजा भी चौंकाने वाला आया है, जब एक महीने के भीतर ही आठ सौ से ज्यादा चालान काट दिए गए। पायलट प्रोजेक्ट कामयाब हुआ है तो अब दिल्ली के परिवहन विभाग ने फैसला किया है कि 4 से बढ़ाकर 25 पेट्रोल पंप पर अब ये अनूठे चालान काटे जाएंगे और इतना ही नहीं आनेवाले दिनों में ऐसे पंप की संख्या बढ़ा कर 500 तक करने की योजना है ताकि दिल्ली के किसी भी हिस्से में बगैर पीयूसी के पहुंचे तो ऑटोमैटिक चालान कट जाए।
प्रदूषण को देखते हुए सरकार सख्त कदम उठाएगी

दरअसल, दिल्ली में गड़ियों के जरिए निकलने वाला धुआं बढ़ते प्रदूषण के सबसे बड़ी वजहों में से एक है, इसलिए सरकार नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों के खिलाफ कदम उठाने को लेकर काफी मुस्तैद दिख रही है।

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