Success Story: जानिए ज्योति लेबोरेटरीज की सफलता की कहानी, कैसे खड़ी की इसके मालिक ने साढ़े 13 हजार की कम्पनी

 
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Success Story: जिंदगी में अगर कुछ करने की ठान ली जाए तो बड़ी से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं। इनकी सफलता की कहानी जानने के बाद आप भी जिंदगी में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। ये शख्स हैं ज्योति लेबोरेटरीज लिमिटेड के संस्थापक एम.पी रामचंद्रन, जिन्होंने अपने मेहनत और लगन से युवा उद्यमियों के लिए मिसाल पेश की है। आज एम.पी रामचंद्रन 13,583 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। एम.पी रामचंद्रन की कंपनी कपड़ों की सुपर सफेदी के लिए उजाला नील बनाती है। एम.पी रामचंद्रन ने कभी उधार के 5,000 रुपये से बिजनेस की शुरुआत की थी। आईए आपको बताते हैं कैसे रामचंद्रन ने इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।

ऐसे हुई शुरुआत

एम पी रामचंद्रन में हमेशा से ही सीखने की इच्छा थी। वह हर समय लीक से हटकर कुछ करने की सोचा करते थे। उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद अकाउंटेंट के रूप में काम करना शुरू किया। लेकिन बाद में उन्होंने बिजनेस करनी की सोची और भाई से 5 हजार रुपये उधार लेकर एक अस्थायी फैक्ट्री की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कुछ अलग प्रोडक्ट्स बनाए। आज उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि ज्योति लेबोरेटरीज एक मल्टी ब्रांड कंपनी बन गई है। ज्योति लेबोरेटरीज का मार्केट कैप करीब 13 हजार 583 करोड़ रुपये का है।

बेटी के नाम से शुरू की कंपनी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एमपी रामचंद्रन ने अपनी बेटी ज्योति के नाम पर कंपनी का नाम ज्योति लेबोरेटरीज रखा। सफेद कपड़ों की लोगों की मांग के जवाब में लैब ने उजाला सुप्रीम लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर बनाया था। इस प्रोडक्ट को शुरू में 6 महिलाओं के एक ग्रुप ने घर-घर जाकर बेचा था। इसके बाद जल्द ही उजाला सुप्रीम ने हर भारतीय घर में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली। ज्योति लेबोरेटरीज का शुरुआत में दक्षिण भारत में बढ़ा और 1997 तक, यह प्रोडक्ट पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया। आज, उजाला के पास लिक्विड फैब्रिक क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी हिस्सेदारी है। ज्योति लेबोरेटरीज के दो अहम प्रोडक्ट उजाला लिक्विड क्लॉथ व्हाइटनर और मैक्सो मॉस्किटो रिपेलेंट्स देश में काफी फेमस हुए हैं।

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