Chandigarh farmer news: हरियाणा और पंजाब के किसानों का बड़ा फैसला, सरकार से नहीं गवर्नर से करेंगे बात

हरियाणा-पंजाब क्षेत्र में किसानों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मोहाली में एक मीटिंग में स्वयं को सार्थकता के साथ आजमाया है और तय किया है
 
हरियाणा-पंजाब क्षेत्र में किसानों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मोहाली में एक मीटिंग में स्वयं को सार्थकता के साथ आजमाया है और तय किया है

Chandigarh farmer news: हरियाणा-पंजाब क्षेत्र में किसानों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मोहाली में एक मीटिंग में स्वयं को सार्थकता के साथ आजमाया है और तय किया है कि वे सरकार के साथ कोई वार्ता नहीं करेंगे। कल, उनकी पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के साथ मीटिंग होगी।

पंचकूला में किसानों के महापड़ाव के दूसरे दिन किसान नेता राकेश टिकैत ने भी किसानों के साथ चर्चा की। टिकैत ने कहा है कि यदि सरकार किसानों की मांगों को सीरियसली नहीं लेती है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

पंचकूला में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कई किसान संगठनों ने मिलकर महापड़ाव में भाग लिया है। इनमें से कुछ मुख्य संगठन हैं हरियाणा किसान मंच, BKU टिकैत, जय किसान आंदोलन, अखिल भारतीय किसान सभा, गन्ना किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान महासभा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान यूनियन आदि।

इन किसानों ने चार मुख्य मांगों को लेकर अपने प्रदर्शन को सार्थक बनाया है। इन मांगों में एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी, लखीमपुर खीरी हत्याकांड में शहीद हुए किसानों के लिए न्याय, पूर्ण कर्ज मुक्ति और प्राइवेट बिजली बिल रेड करो आदि शामिल हैं। इन मांगों को लेकर किसान संगठनों ने तीन दिनों के लिए धरना देने का निर्णय किया है।

प्रशासन ने सुरक्षा को बढ़ाया है ताकि धरना शांति और अनुशासन में ही बना रहे। इस महापड़ाव से सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका पूरा समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है।

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