Corona New Variant : कोरोना का एक और वैरिएंट आया सामने, क्या है इसके लक्ष्ण और कौन होगा इससे सबसे ज्यादा प्रभावित

 
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Corona New Variant : बीते कई महीनों से चीन में कोविड का नए वैरिएंट JN.1 फैलने की खबरें आ रही थी। लेकिन JN.1 सब-वैरिएंट भारत में भी दस्तक दे चुका है। अब भारत के तमाम राज्यों में इससे होने वाले इन्फेक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में कोविड की वजह से दो लोगों की मौत हुई। जिसने एक बार फिर से देश में कोरोनावायरस का डर फैला दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी नए वैरिएंट में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके बाद अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है।

सवाल: कोविड का नया वैरिएंट JN.1 क्या है?
जवाब: डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के मुताबिक कोरोना का यह सबवैरिएंट, ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BA.2.86 का वंशज है, जिसे 'पिरोला' कहा जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक JN.1 और BA.2.86 के बीच केवल एक ही चेंज है। वह है स्पाइक प्रोटीन में बदलाव। स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी कहा जाता है। यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में वायरस का इन्फेक्शन ज्यादा तेजी से होता है।

सवाल: किन सिचुएशन में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है?
जवाब: खासतौर पर इन स्थितियों में आपको विशेष रूप से अलर्ट रहने की जरूरत है-

1- यदि आप काम के सिलसिले में अक्सर विदेश यात्रा करते हैं।

2- अगर आपके दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मी विदेश यात्रा करके या भारत के उन राज्यों से आए हैं, जहां कोविड के नए वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं।

3- यदि आप ऑनलाइन ऐसी चीजें मंगा रहे हैं, जो विदेश से आती है।

सवाल: कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं?
जवाब: CDC के मुताबिक कोविड के इस नए सबवैरिएंट के अभी तक कोई खास लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। ऐसे में नॉर्मल वायरल फीवर और सब वैरिएंट में फर्क कर पाना मुश्किल है।

सवाल: किन लोगों को इस वैरिएंट के जल्दी होने का रिस्क है?

जवाब:

जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है
छोटे बच्चे
बुजुर्ग
प्रेग्नेंट महिलाएं
सवाल: ये लक्षण दिखने पर कितने दिन तक डॉक्टर को न दिखाएं?
जवाब: अगर इम्यूनिटी कमजोर है, पहले से कोई बीमारी है और बुजुर्ग हैं तो इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर को बिना देर किए दिखाएं।

अगर आप युवा हैं और शुरुआत में कोई बीमारी नहीं है तो इन लक्षणों के दिखने पर गरारा करें, स्टीम लें। खुद को आइसोलेट करें और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।

सवाल: डॉक्टर इसके लिए कौन सा टेस्ट करते हैं?
जवाब: वायरल फ्लू के लक्षण दिखने पर कोविड का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाता है। कोविड के वैरिएंट का पता लगाने के लिए Geno Dypic Studies की जाती है।

सर्दी का मौसम है, कोविड के नए वैरियंट के लक्षण आम फ्लू की तरह हैं। ऐसे में ये जरूरी नहीं की हम सिर्फ को कोविड के नए वैरिएंट से बचें, बल्कि किसी भी तरह के फ्लू से बचकर रहना चाहिए।

सवाल: सर्दियों में खुद को और अपने परिवार को वायरल फ्लू, कोविड के नए वैरिएंट से कैसे सुरक्षित रखें?
जवाब: हाथ धोना, मास्क पहनना, सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचना, घर के अंदर रहना और टीका लगवाना कोविड से बचाव के सामान्‍य नियम हैं।

फ्लू और कोविड से बचाव के लिए इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। यह कोविड इन्फेक्शन को रोकने में काफी हद तक कारगर है। स्वास्थ्य एजेंसियों ने लोगों को सलाह दी है कि लक्षण दिखने के तुरंत बाद लापरवाही न बरतते हुए कोविड टेस्‍ट जरूर कराना चाहिए।

सर्दियों में कोविड ही नहीं, नॉर्मल फ्लू से भी बचाएंगे ये टिप्स

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
बाहर से आने वाले लोगों को 2 दिन तक होम आइसोलेशन में रखें।
उनमें किसी तरह के लक्षणों दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
खुद भी बाहर से आने के बाद 20 सेकेंड तक हाथों को अच्छे से धोएं।
जुकाम-खांसी या इन्फेक्टेड व्यक्ति से 2 मीटर की दूरी रखें।
आंख, मुंह या नाक में बार-बार हाथ न लगाएं।
साबुन या सैनिटाइजर से हाथों को अच्छी तरह साफ करते रहें।
फोन या दूसरी जरूरी चीजें, जिनका आप ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सैनिटाइज करते रहें।
खांसी-छींक आने पर मुंह को टिशू पेपर से कवर करें।
बुखार, कफ और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या है तो इग्नोर न करें।
बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
दिन भर गुनगुना पानी पिएं।

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