Drug Dealer Busted: हाईप्रोफाइल ड्रग्‍स रैकेट का भंडाफोड़, यूनिवर्सिटी और कॉलेज में करोड़ों की ड्रग होती थी सप्लाई

यूनिवर्सिटी और कॉलेज में गांजा समेत ड्रग्स सप्लाई करने वाला एक हाईप्रोफाइल रैकेट पकड़ा गया। सेक्टर-126 थाना पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
 
हाईप्रोफाइल ड्रग्‍स रैकेट का भंडाफोड़

Drug Dealer Busted: यूनिवर्सिटी और कॉलेज में गांजा समेत ड्रग्स सप्लाई करने वाला एक हाईप्रोफाइल रैकेट पकड़ा गया। सेक्टर-126 थाना पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक नामी यूनिवर्सिटी के 4 छात्र भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, ताइवान, शिलांग, उदयरपुर समेत अन्य जगहों से गांजा और ड्रग्स मंगाकर छात्रों को बेचा जा रहा था।

आरोपियों के कब्जे से कोकीन, चरस आदि बरामद हुआ है। इसकी कीमत लाखों रुपये में है। पुलिस के मुताबिक, तीन आरोपी अभी फरार हैं जिनमें एक दिल्ली में रह रहा अफ्रीकी मूल का निवासी शामिल है। इस गिरोह के तार हाल ही ग्रेटर नोएडा में ई कॉमर्स कंपनी के पैकेट में ड्रग्स की सप्लाई करने वालों से जुड़े हैं। आरोपी अक्षय कुमार गिरोह का सरगना है, जिसकी पत्नी थाईलैंड में रहती है। इसलिए इसका वहां आना-जाना रहता है। वहां से बने एक नेटवर्क से वह ताइवान का ओजी गांजा मंगाता है।

पुलिस कार्रवाई की जानकारी सोमवार को डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों को सेक्टर-126 में एक्सप्रेसवे की सर्विस रोड से पकड़ा गया। इनकी पहचान बागपत निवासी अक्षय कुमार, मैनपुरी निवासी राजन सिंह, मध्यप्रदेश निवासी दर्शन कुमार, बिहार निवासी आदित्य कुमार, बदायूं निवासी सतेंद्र श्रीवास्तव, फिरोजपुर निवासी सागर बजाज, मेरठ निवासी अनित सोम, गाजियाबाद निवासी अपूर्व सक्सेना और राजस्थान निवासी नरेंद्र कुमार के रूप में हुई है।

उदयपुर से आता था देसी गांजे की खेप

वहीं, आरोपी नरेंद्र राजस्थान में उदयपुर से देसी गांजे की खेप मंगवाता था। इसी तरह शिलांग समेत अन्य जगहों से गांजा व ड्रग्स मंगाया जाता था। सरगना ने यहां की एक नामी यूनिवर्सिटी के 4 छात्रों को यूनिवर्सिटी और हॉस्टल कैंपस में ऑन डिमांड गांजा सप्लाई के लिए रैकेट में शामिल किया था।

डिलिवरी के लिए निजी राइडर तैयार किए जाते हैं, जो डिमांड पर मादक पदार्थों की डिलिवरी करते है। इसमें मुख्य रूप से सागर, अनित और अपूर्व सक्सेना हैं। गिरफ्तार राजन दिल्ली-नोएडा में ऐप बेस्ड कैब चलाता है। इसका संपर्क दिल्ली में रहने वाले अफ्रीकी मूल के नागरिक से था। यह कोकीन लाता था। गिरोह में शामिल ये लोग नशे का सामान बचते थे।

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लेते थे ऑर्डर

एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में चार छात्राएं एक नामी यूनिवर्सिटी की हैं। इसमें सागर एमबीए द्वितीय वर्ष, आदित्य बीए एलएलबी चतुर्थ वर्ष, दर्शन बीए एलएलबी तृतीय वर्ष, अपूर्व सक्सेना एमबीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। ये सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से ऑर्डर मिलने पर यूनिवर्सिटी कैंपस लेकर हॉस्टल तक में गांजा और ड्रग्स की डिलिवरी देने जाते थे।

आरोपियों के पास से छोटे-छोटे पार्सल के रूप में कुल 62 पार्सल बरामद हुए हैं, जिनमें ये विदेशी गांजा ओजी और भारतीय गांजा (शिलांग का) रखते हैं। कई पीजी से ऑर्डर भी आरोपी लेते थे। इसके बाद ये ऑर्डर ऐप बेस्ड बाइक टैक्सी के जरिए भी भिजवाए जाते थे।

10 हजार रुपये प्रति दस ग्राम विदेशी गांजा

यह रैकेट सेक्टर-126 थाना पुलिस ने एसीपी रजनीश वर्मा की अगुवाई में पकड़ा है। ओजी गांजा जो आरोपियों के पास से पकड़ा गया है वह ताइवान से आता था। यह गांजा समुद्री तट पर होता है। पुलिस के मुताबिक यह एक विदेशी गांजा है जिसकी मादकता भारतीय गांजे से काफी अधिक होती है।

साथ ही विदेशी होने के कारण भी इसकी डिमांड ज्यादा रहती है। एसीपी ने बताया कि ओजी गांजा की सप्लाई अक्षय कुमार ताइवान से करता है। अक्षय कुमार खुद भी ताइवान जाकर ओजी लेकर आता है। सरगना इसे प्रति ग्राम दस हजार रुपये में बेचता है।

नाइजीरियन करता था कोकीन सप्‍लाई

राजन सिंह दिल्ली के तुगलकाबाद से नाइजीरियन मूल के नागरिक से एमडीएमए तथा कोकीन की सप्लाई लेता है। पुलिस नाइजीरियन मूल के नागरिक के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। अपूर्व चरस की सप्लाई करता है। ताइवान से गांजा किस तरह से आ रहा था। अगर सरगना खुद लाता था तो पकड़ा क्यों नहीं गया। इन सभी तथ्यों पर पुलिस जांच कर रही है। बरामद गांजे की कीमत 25 लाख रुपये बताई जा रही है। आरोपियों के कब्जे से 15 किलो 140 ग्राम देसी गांजा, 30 ग्राम कोकीन, 20 ग्राम एमडीएमए की गोली, 150 ग्राम चरस, दस मोबाइल, दो इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, तस्करी में इस्तेमाल टाटा सफारी और दो बाइक बरामद हुई हैं।

Tags