Relationship Consent: जानिए क्यों महिलाओं को अपने रिश्ते में जरूरी लगता है असहमति का सम्मान, इंटीमेट रिलेशनशिप में रखें इन बातों का ध्यान

 
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Relationship Consent: पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अपने रिश्ते में यौन असहमति को ज्यादा जरूरी चीज मानती हैं। अगर उनका पार्टनर सेक्शुअल डिसएग्रीमेंट (यौन असहमति) का सम्मान नहीं करता है तो वाे उस रिश्ते को वहीं पर खत्म करना उचित मानती हैं।

हाल ही में जर्नल ऑफ सेक्स रिसर्च में छपी एक स्टडी से यह बात सामने आई है। इससे पहले भी कई स्टडीज में यह बातें सामने आ चुकी हैं कि यौन संतुष्टि और रिश्ते में स्थायित्व के बीच गहरा संबंध है।

मगर इस नई स्टडी से यह बात भी उजागर हुई है कि अगर महिला पार्टनर सेक्स से इनकार करती है तो इसका मतलब यह भी हो सकता है कि रिश्ते में स्थायित्व नहीं है।

इससे दोनों पार्टनर के बीच विवाद तो होता ही है, साथ ही रिश्ते में गहराई भी नहीं आ पाती है। इस चीज पर ध्यान दिया जाना जरूरी है।

मसारिक यूनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट में रिसर्चर और स्टडी के लेखक डॉमिनिका पर्डोक स्लैड कहते हैं कि महिलाओं से ज्यादा पुरुष पार्टनर यौन असहमति को रिश्ते के लिए खतरा मानते हैं।

पुरुष पार्टनर महिलाओं से ज्यादा सेक्शुअल लाइफ की क्वालिटी से अपनी रिलेशनशिप क्वालिटी तय करते हैं।

यह स्टडी 7 यूरोपीय देशों के जनरेशंस और जेंडर सर्वे के अध्ययन के आधार पर की गई। इसमें ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, जॉर्जिया, जर्मनी, फ्रांस, लिथुआनिया और रूस के 18 से 79 साल के 19,446 लोग शामिल हुए।

यौन असहमति से जूझ रहे कपल ब्रेकअप के बारे में ज्यादा सोचते हैं

स्टडी के अनुसार, 13.1 फीसदी महिला पार्टनर ने रिश्ते से अलग होने के लिए यौन असहमति का अनुभव किया। वहीं, 5 फीसदी पुरुष ही ऐसे अलगाव के पीछे सेक्शुअल डिसएग्रीमेंट्स को वजह मानते हैं।

रिसर्चर के अनुसार, अगर कोई कपल अक्सर सेक्शुअल डिसएग्रीमेंट्स से जूझ रहा है तो वह ब्रेकअप के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं।

जबकि ऐसे कपल्स के बीच पैसों, पारिवारिक रिश्तों या बच्चे पैदा करने को लेकर कोई असहमति न भी हो तो भी वह यौन असहमति के चलते अलग होने के बारे में विचार करने लगते हैं।

इंटीमेट रिलेशनशिप से पहले कुछ हफ्तों का वक्त देना जरूरी

साइकोथेरेपिस्ट बर्टन गोल्डस्मिथ के अनुसार, किसी भी रिलेशनशिप में इंटीमेट होने से पहले कुछ हफ्तों का वक्त देना जरूरी है।

इस दौरान दोनों के बीच गहरी समझ और रिश्तों की अहमियत का विकसित होना जरूरी है।

2012 की एक स्टडी के अनुसार, कॉलेज रोमांस के दौरान भी कुछ छात्र अपनी सेक्शुअल डिजायर को पूरा करना चाहते हैं, मगर महिलाओं को इस पर ज्यादा यकीन नहीं होता है।

यौन असहमति से जूझ रहे कपल ब्रेकअप के बारे में ज्यादा सोचते हैं

स्टडी के अनुसार, 13.1 फीसदी महिला पार्टनर ने रिश्ते से अलग होने के लिए यौन असहमति का अनुभव किया। वहीं, 5 फीसदी पुरुष ही ऐसे अलगाव के पीछे सेक्शुअल डिसएग्रीमेंट्स को वजह मानते हैं।

रिसर्चर के अनुसार, अगर कोई कपल अक्सर सेक्शुअल डिसएग्रीमेंट्स से जूझ रहा है तो वह ब्रेकअप के बारे में ज्यादा सोचने लगते हैं।

जबकि ऐसे कपल्स के बीच पैसों, पारिवारिक रिश्तों या बच्चे पैदा करने को लेकर कोई असहमति न भी हो तो भी वह यौन असहमति के चलते अलग होने के बारे में विचार करने लगते हैं।

इंटीमेट रिलेशनशिप से पहले कुछ हफ्तों का वक्त देना जरूरी

साइकोथेरेपिस्ट बर्टन गोल्डस्मिथ के अनुसार, किसी भी रिलेशनशिप में इंटीमेट होने से पहले कुछ हफ्तों का वक्त देना जरूरी है।

इस दौरान दोनों के बीच गहरी समझ और रिश्तों की अहमियत का विकसित होना जरूरी है।

2012 की एक स्टडी के अनुसार, कॉलेज रोमांस के दौरान भी कुछ छात्र अपनी सेक्शुअल डिजायर को पूरा करना चाहते हैं, मगर महिलाओं को इस पर ज्यादा यकीन नहीं होता है।

रिलेशनशिप के हनीमून फेज का इंतजार करें

वहीं, एक और साइकोथेरेपिस्ट टोनी कोलमैन कहते हैं कि अगर किसी कपल में रिश्ता बन रहा है तो उसे संबंध बनाने के लिए कम से कम तीन महीने का इंतजार करना चाहिए।

क्योंकि इसके पहले दोनों पार्टनर का एक-दूसरे कोे समझना, आपसी भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है। तीन महीने बाद दोनों के बीच रिश्ता और पक्का हो सकता है, जिसे हनीमून फेज कहा जा सकता है।

इस दौरान दोनों पार्टनर अपने रिश्ते को भावनाओं से थोड़ा ऊपर उठकर सोचने लगते हैं। हालांकि, यह भी एक बात है कि हनीमून फेज के दौरान भी कई बार रिश्ते में उठा-पटक देखी जाती है और यह इमोशनली ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में दाेनों पार्टनर को रिश्ते के स्थिर होने तक का इंतजार करना चाहिए।

कुछ यह मानते हैं कि संबंध बनाने के लिए शादी तक इंतजार करें

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो थोड़ा धार्मिक और पारंपरिक व्यक्ति होते हैं। वो रिलेशनशिप में शादी से पहले संबंध बनाने को ठीक नहीं मानते हैं।

हालांकि, इसका वैज्ञानिक आधार तो अभी तक साबित नहीं हो पाया है। मगर लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में कई बार यह तरीका बेहद कारगर बनकर उभरा है।

2012 में कॉर्नेल एंड यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन की एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने रिश्ते की शुरुआत में ही अपने पार्टनर से संबंध बना लिए थे, उनका रिश्ता बाद में बेहद खराब रहा।

इस स्टडी में कहा गया है कि जिन महिलाओं ने अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने में 6 महीने से ज्यादा समय लिया, वो अपने रिश्ते को लेकर ज्यादा संतुष्ट थीं। दोनों पार्टनर के बीच रिश्ते को लेकर प्रतिबद्धता और संतुष्टि का भाव देखा गया।

कुछ के लिए पहला चुंबन रिश्ते का एक पड़ाव

वहीं, सेक्स थेरेपिस्ट रचेल राइट कहती हैं कि कुछ लोग यह मानते हैं कि उन्होंने पहला किस कर लिया तो रिश्ते का एक बड़ा पड़ाव पार कर लिया।

वो यह मानते हैं कि अब पार्टनर से संबंध बनाना ज्यादा दूर की बात नहीं है। मगर यह हर किसी पर लागू नहीं होता।

न तो ये बात हर किसी के लिए सही साबित हो सकती है और न ही हर किसी के लिए यह फिट है। कुछ लोग संबंध बनाने से पहले भावनात्मक जुड़ाव को ज्यादा तवज्जो देते हैं, जबकि कुछ के लिए इसकी कोई जरूरत नहीं होती।

संबंध बनाने से पहले पार्टनर खुद से पूछें ये सवाल

रचेल कहती हैं कि किसी भी रिश्ते में रहने वाले पार्टनर को खुद से ये सवाल करना चाहिए कि उसे संबंध बनाना क्यों जरूरी लगता है?

क्या उसका सामाजिक परिवेश यह इजाजत देता है या वह ऐसे समाज या सोच के साथ पला-बढ़ा है, जहांं उसे ऐसा करना सामान्य लगता है। ऐसे सवाल जब वह खुद करेगा, तब वह अपने पार्टनर से इंटीमेट होने पर अच्छा महसूस करेगा।

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