गेहूं की फसल के लिए कृषि एक्सपर्ट्स ने जारी की एडवाइजरी, कृप्या किसान ध्यान दें

पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए गेहूं की खेती से जुड़ी एडवाइजरी जारी की है.

जिन किसानों की गेहूं की फसल 21 से 25 दिनों की हो चुकी है वो पहली सिंचाई कर दें.

फसल की सिंचाई करने के 3-4 दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें.

गेहूं की

सबसे अच्छी प्रजातियां एचडी 3059, एचडी 3369, एचडी 3117, डब्ल्यूआर 544 और पीबीडब्ल्यू 373 हैं.

बीजों को बाविस्टिन 1.0 ग्राम या थायरम 2.0 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें.

जिन खेतों में दीमक हों उनमें क्लोरपाईरिफास 5.0 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़क दें.

नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों की मात्रा 80, 40 किलो प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए.

अगर सरसों की फसल देर से बोई है तो उसमें विरलीकरण और खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें

इस समय हवा में बहुत नमी है, जिसके कारण आलू और टमाटर में झुलसा रोग लगने की संभावना है.

रोग के लक्षण दिखाई देने पर डाईथेन-एम-45 को 2.0 ग्राम प्रति लीटर छिड़काव करें.

किसानों ने टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी और ब्रोकली की पौध तैयार कर ली है वो मौसम को ध्यान रखे.

इस मौसम में किसानों को सब्जियों की निराई-गुड़ाई के साथ खरपतवार जरूर नष्ट करना चाहिए.

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